अगर आप कविता पाठ, कहानी कहने या गीत लिखने और गुनगुनाने का शौक रखते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र ने अपनी पत्नी और दोस्त के साथ एक ऐसा डिजिटल मंच तैयार किया है जिसके जरिए दुनिया के हर कोने तक आपकी रचनाएं पहुंच सकती हैं। इसे ''गाथा'' नाम दिया गया है। ये वेबसाइट और मोबाइल एप के रूप में लॉन्च हो चुका है। अब तक लाखों लोग इस वर्चुअली साहित्यिक मंच से जुड़ चुके हैं।
एप की खासियत
- भारतीय नाट्य अकादमी, ऑल इंडिया रेडियो व पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट के कलाकार इससे जुड़े हैं।
- देश के 25 स्टूडियो में 60 से 70 कलाकारों की टीम कर रही काम।
- मोबाइल पर अपने पसंदीदा लेखक या साहित्यकार की रचना सुन सकते।
- हिंदी रचनाओं में रूचि रखने वाले अमेरिका, ब्राजील, कनाडा, यूरोप, सिंगापुर और चीन के लोग भी इसके यूजर हैं।
- इस ऑडियो बुक पर दो साल पहले काम करना शुरू किया था।
- इससे अब दूसरे देशों में रहने वाले कई भारतीय भी जुड़ चुके हैं।
युवाओं को साहित्य से करीब लाने का उद्देश्य
IIT कानपुर के एल्युमनाई अमित तिवारी ने अपनी पत्नी भावना तिवारी और दोस्त पूजा श्रीवास्तव के साथ मिलकर ''गाथा'' शुरू किया। अमित एक सॉफ्टवेयर कंपनी के फाउंडर हैं। बताते हैं कि आजकल युवा साहित्य से दूर होता जा रहा है। इसके कई कारण हैं। युवाओं को साहित्य में इंट्रेस्ट नहीं लगता। क्योंकि आज भी साहित्य में पुराने ढर्रे को ही तवज्जो दी जाती है। पत्नी भावना साहित्यकार हैं। हम लोगों ने मिलकर युवाओं के लिए एक ऐसा मंच शुरू करने का सोचा जहां से वो अपने हुनर को दुनिया तक नए और रोचक अंदाज में पहुंचा सकें। यहीं से गाथा की शुरुआत हुई। इसमें पूजा ने भी साथ दिया और देखते ही देखते इसमें लाखों लोग जुड़ गए।
कई बड़े साहित्यकारों की रचनाएं भी
भावना बताती हैं कि गाथा एप पर कविताओं के साथ बच्चों की कहानियां भी हैं। चंद बरदाई, अमीर खुसरो, मीराबाई, प्रेमचंद, फणीश्वर नाथ रेणु, रामधारी सिंह दिनकर व भीष्म साहनी से लेकर युवा रचनाकारों की रचनाओं को ऑडियो फॉर्म में लॉन्च किया गया है। इस स्टार्टअप को IIT कानपुर में इन्कयूबेशन सेंटर में इंक्यूबेट भी किया गया है।
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