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Dainik Bhaskar आप कितने भी व्यस्त रहें, लेकिन घर की जिम्मेदारी जरूर निभाएं, क्योंकि परिवार के बिना दुनिया की हर चीज बेकार है

कहानी- महाभारत में कंस वध के बाद उसका ससुर जरासंध श्रीकृष्ण को मारने के लिए मथुरा पर बार-बार आक्रमण करने लगा। कृष्ण और बलराम हर बार उसे हरा देते थे। वह 17 बार हमला कर चुका था। जब 18वीं बार जरासंध ने मथुरा पर आक्रमण किया तो कृष्ण-बलराम वहां से भाग गए। इसी वजह से कृष्ण को एक और नाम रणछोड़ मिला।

उस समय श्रीकृष्ण ने सोचा, 'ऐसे तो मथुरा पर बार-बार आक्रमण होते रहेंगे। इससे मथुरा का विकास नहीं हो पाएगा। प्रजा परेशान रहेगी। युद्ध से हमेशा नुकसान ही होता है। ऐसे युद्धों से मेरा परिवार भी असुरक्षित रहेगा। मुझे धर्म की स्थापना भी करनी है।'

ऐसा सोचकर श्रीकृष्ण ने पूरे परिवार और सभी रिश्तेदारों की सुरक्षा के लिए एक अलग नगरी द्वारिका बसाई। द्वारिका में सभी को सुरक्षित करने के बाद वे धर्म स्थापना के अभियान पर निकल गए।

सीख- श्रीकृष्ण ने हमें ये शिक्षा दी है कि हम चाहें कितने भी व्यस्त रहें, लेकिन घर-परिवार के प्रति जिम्मेदारियों को भी ईमानदारी से निभाना चाहिए। क्योंकि, दुनियाभर की सारी चीजें हासिल करने के बाद भी परिवार के लिए कुछ अच्छा नहीं कर पाए और परिवार को समय नहीं दिया तो दुनिया की सब चीजें बेकार हैं।



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