सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। शुरुआत में जिस तरह से तापमान में गिरावट देखी गई है। उससे लग रहा है कि इस बार पूरे देश में जमकर सर्दी रहने वाली है। यही समय होता है, जब कोहरे की वजह से गाड़ी ड्राइव करने वाले लोगों को विजिबिलिटी की समस्या से जूझना पड़ता है।
रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री के एक डाटा के मुताबिक, देशभर में कोहरे के चलते 2018 में 28.02 हजार एक्सीडेंट और 2019 में यह आंकड़ा 19.9% बढ़कर 33.60 हजार हो गया। 2018 के हादसों में 11.84 हजार की मौत हो गई और 25.26 हजार लोग घायल हुए। 2019 में 13.40 हजार लोग की मौत हुई और 30.77 हजार घायल हुए।
इन्ही आंकड़ों को दोहराते हुए इंदौर में पदस्थ सीनियर ट्रैफिक कांस्टेबल और एक्सपर्ट रंजीत सिंह कहते हैं कि थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। हमें घर से निकलते वक्त खासकर कोहरे के समय एहतियात बरतना चाहिए। क्योंकि इसी समय सबसे ज्यादा विजिबिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
कोहरे में गाड़ी चलाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
- एक्सपर्ट के मुताबिक, जब आप घर से निकल रहे हैं तो यह मानकर चलें कि कोहरे की वजह से सड़क पर विजिबिलिटी बिल्कुल नहीं रहेगी। इस दौरान अगर बाइक या कार से निकल रहे हैं, तो अपनी गाड़ी की हेडलाइट को अपर मोड पर रखें।
- कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त आपकी बाइक और कार की स्पीड 40 किमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। क्योंकि तेज स्पीड में गाड़ी को रोकना मुश्किल होता है, जिस वजह से सामने वाली गाड़ी से एक्सीडेंट हो सकता है।
- घर से निकलते वक्त यह सुनिश्चित करें कि कार और बाइक सभी लाइटें ऑन रखे। बाइक चलाते वक्त खासकर ब्रेक लाइट और इंडिकेटर का इस्तेमाल करें।
- कोहरे में कार या बाइक ड्राइव करते वक्त पार्किंग लाइट भी चालू रखें। इससे आगे और पीछे से आ रही गाड़ी के ड्राइवर को आपकी गाड़ी देखने में आसानी होती है।
- गाड़ियों में रिफ्लेक्टर बेल्ट का लगा होना जरूरी है। खासकर ट्रक और ट्रेक्टर पर लगा होना चाहिए। क्योंकि यह लोडिंग वाहनों में शामिल होते हैं और कहीं पर पार्क कर दिए जाते हैं। अगर इन पर रिफ्लेक्टर बेल्ट लगा होगा तो बाइक और कार ड्राइवर को यह आसानी से नजर आ जाते हैं।
- अगर आप ऑफिस, दुकान खोलने या दूसरे काम के लिए सुबह-सुबह जा रहे हैं, तो इसके लिए टाइम मैनेजमेंट जरूरी है। अगर समय से पहले घर से निकलेंगे तो रश ड्राइविंग नहीं करेंगे। इससे हादसे का खतरा कम हो जाता है।
- कोहरे के समय बायपास, सुपर-कॉरिडोर या नेशनल हाइवे पर गाड़ी चलाते वक्त हमें लेन सिस्टम के बारे में जानकारी होना जरूरी है। अगर आप थ्री लेन रोड पर गाड़ी चला रहे हैं, तो यह पता होना चाहिए कि किस लेन पर कौनसी गाड़ी चलाना है।
- लेन 1 ट्रक या बड़ी गाड़ियों के लिए होते हैं। इसमें ड्राइवर यह मानकर चलते है कि उनके लेन पर कोई दूसरा वाहन नहीं आएगा। इस समय इन गाड़ियों की स्पीड 80 किमी होती है। वहीं लेन-2 (सेंट्रल लेन) पर कार को चलाना चाहिए, इसकी स्पीड 40-60 किमी के बीच रखना चाहिए और लेन-3 जो सड़क के लेफ्ट साइड में होता है, उस पर बाइक या टू व्हीलर वाहन चलाना चाहिए। इसकी स्पीड 40 से ऊपर नहीं होना चाहिए।
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सही लेन पर ड्राइव करें और सभी लाइट चालू रखें
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एक्सपर्ट कहते हैं कि कोहरे के समय आप अगर कार से सफर कर रहे हैं। तो सावधानी बरतना जरूरी होती है। इस दौरान हमें रश ड्राइविंग से बचना चाहिए। हैडलाइट को हमेशा अपर साइड पर चालू रखना चाहिए। अगर ओवरटेक कर रहे हैं तो अपर मोड का इस्तेमाल करें। अगर सामने से किसी गाड़ी को क्रॉस कर रहे हैं तो हैडलाइट को डीपर करें। अक्सर हाईवे पर बड़े वाहन अपर-डीपर से इंस्ट्रक्शन समझते हैं। उन्हें कई बार हॉर्न नहीं सुनाई देता है। इसके अलावा अगर हम हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो हमें लेन सिस्टम का पालन करना चाहिए। कार में बैठते वक्त सीट बेल्ट जरूर लगाएं, जिससे पावर ब्रेक लगाने में आसानी होती है।
धीमे बाइक चलाएं, इंडिकेटर का उपयोग करते रहें
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एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप बाइक से जा रहे हैं तो सबसे पहले हेलमेट, ग्लव्स पहने। वहीं घर से समय से निकले, जिससे रश ड्राइविंग करना न पड़े। गाड़ी की स्पीड स्लो रखें और रोड के लेफ्ट साइड में गाड़ी चलाएं। वहीं बड़े वाहनों को ओवरटेक करने से बचें। इसके अलावा टर्न लेते वक्त इंडिकेटर का इस्तेमाल करते रहें।
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