header ad

Ticker

6/recent/ticker-posts

Dainik Bhaskar माता-पिता की छोटी सी भूल की कीमत बच्चों को जीवनभर चुकानी पड़ती है

कहानी - महाभारत में अर्जुन और सुभद्रा पति-पत्नी थे। सुभद्रा श्रीकृष्ण की बहन थीं। जब सुभद्रा गर्भवती थीं, तब एक दिन अर्जुन चक्रव्यूह भेदने की विधि समझा रहे थे। गर्भ में पल रहा शिशु भी ये विधि ध्यान से सुन रहा था।

अर्जुन ने चक्रव्यूह की आधी विधि बता दी थी, तभी सुभद्रा को नींद आ गई। माता को नींद आने की वजह से गर्भ में पल रहा शिशु बाकी विधि समझ नहीं सका। जब इस शिशु का जन्म हुआ तो इसका नाम अभिमन्यु रखा गया।

कौरव और पांडवों के युद्ध में 13वें दिन द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की थी। इस व्यूह को सिर्फ अर्जुन भेद सकते थे। लेकिन, उस समय अर्जुन किसी और से युद्ध कर रहे थे। तब युधिष्ठिर ने अभिमन्यु से कहा कि तुम ये चक्रव्यूह भेद सकते हो।

अभिमन्यु ने युधिष्ठिर से कहा, 'मैं चक्रव्यूह भेद तो सकता हूं, लेकिन मुझे वापस आने की विधि नहीं मालूम है। क्योंकि, जब मेरे पिता माता सुभद्रा को चक्रव्यूह की विधि बता रहे थे, तब आधी विधि के बाद माता को नींद आ गई थी।'

युधिष्ठिर ने भीम और अन्य योद्धाओं को अभिमन्यु की मदद के लिए साथ में भेज दिया। अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदकर अंदर प्रवेश कर गया, लेकिन भीम और अन्य योद्धाओं को जयद्रथ ने बाहर ही रोक दिया। चक्रव्यूह में अभिमन्यु अकेला फंस गया और मारा गया।

सीख - इस घटना से हमें ये सीख मिलती है कि संतान के पालन में माता-पिता को बहुत सतर्क रहना चाहिए। नींद आने का मतलब ये है कि माता-पिता लापरवाह हैं। ऐसी गलती की कीमत बच्चों को चुकानी पड़ती है इसलिए माता-पिता को लापरवाही से बचना चाहिए।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, family management tips from mahabharata, arjun and subhadra, abhimanyu in chakrayuh


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mIXw7C
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments