1. हर बोल, हर शब्द की कीमत है। कई बार शब्दों के चुनाव बोल का अर्थ बदल देते हैं। तभी तो तोल-मोलकर बोलने की बात कही गई है। सही शब्द का सही उपयोग अच्छी समझ और संवेदनशीलता को ही नहीं, समानुभूति पूर्ण रवैए को भी ज़ाहिर करता है। इन्हें उदाहरण के साथ इस लेख में जानिए ...
2. अगर हम कोशिश करें, तो लोगों का नजरिया और विचार दोनों बदल सकते हैं। और छोटे-छोटे कदम भी गर सही राह पर पड़ें, तो बड़ी मंजिलों तक पहुंचा सकते हैं। जानें इस लेख में ...
3. शरीर और दिमाग का संतुलन बनाए रखने के लिए ये आसान व्यायाम घर पर करें। इसे कैसे कर सकते हैं, जानने के लिए पढ़िए लेख...
4. क्या आप जागरूक ग्राहक हैं? इसका जवाब लेख में दिए गए चंद सवालों में छुपा है। 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के मौके पर पढ़ें ये खास लेख...
5. बच्चे के व्यवहार की मामूली बातों से भी झलक जाता है कि उसने अपने घर में क्या-क्या सीखा है। अच्छे गुण या शिष्टाचार जिन्हें हम फैमिली वैल्यू कहते हैं, इन्हें सीखने का वक्त बच्चे के जन्म से ही शुरू हो जाता है। उनके हर गुण को निखारने के लिए कौन-कौन से अभ्यास करा सकते हैं, पढ़िए इस लेख में...
6. क्रिसमस पर घर की सजावट करने के कुछ आसान से उपाय हैं, जिनको आप ना सिर्फ आसानी से अमल में ला सकते हैं, बल्कि पर्व को और मजेदार बना सकते हैं। पढ़िए इस लेख में...
7. क्रिसमस के मौके पर इन मजेदार खेलों को आप दूर रहने वाले परिजनों के साथ वीडियो कॉल करके भी खेल सकते हैं। पढ़िए इस लेख में...
8. क्रिसमस पर केक का चलन हमेशा ही रहता है। इस बार क्रिसमस घर पर ही मनाने वाले हैं तो केक भी घर पर बनाकर देखिए। इसके साथ ही कुछ स्वादिष्ट ड्रिंक भी तैयार करें। रेसिपी जानने के लिए पढ़े ये लेख...
9. महिलाओं की कर्मठता के किस्से अक्सर कहे-सुने जाते हैं। ऐसी ही एक महिला की जिम्मेदारी बयां करती ये कहानी। इस कहानी में पढ़िए महिला के जीवन के संघर्ष और उनके प्रति उसकी सकारात्मक सोच...
10. टूटे जूते-चप्पलों की मरम्मत कराने की बात सुनकर वे सज्जन जोर से हंसने लगे, लेकिन पीछे छिपी गहरी बात पता चलते ही उनकी आंखें क्यों झुक गईं। पढ़िए इस कहानी में...
11. सेठ राम प्रसाद ने बुजुर्ग महिला को दोबारा उसी स्थिति में देखा तो रुक कर कारण पूछ बैठे, महिला का जवाब सुनकर उनकी आंखें नम हो गईं। ऐसा होने की क्या वजह थी? पढ़िए इस कहानी में...
12. ना बाज़ार में उतने शकरकंद के ठेले हैं, ना पुष्कर में वो ऊंटों वाले मेले हैं, ना बस्ते लिए बच्चों का शोर है, ना वो जल्दी उठने वाली भोर है। कोरोनाकाल में ठंड के आलम को बताती ये कविता 'सर्दियां कुछ हट के हैं'। पूरी कविता पढ़ें इस लेख में...
13. व्यायाम सिर्फ़ शरीर को बाहरी तौर पर सेहतमंद नहीं बनाता बल्कि अंदरूनी स्मरण शक्ति और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ये लेख...
14. भारत ने दुनिया को अंक दिए, लेकिन वही अंक उस भारत के बच्चों के पल्ले नहीं पड़ते। बच्चे अंग्रेज़ी जानने की होड़ में हिंदी से दूर होने लगे हैं। ऐसा होने का कारण क्या है? जानने के लिए पढ़िए ये लेख...
हिंदी की कमज़ोर समझ होने की वजह अभिभावक और परिवार हैं
15. डाकपे एप रुपये भेजने, क्यूआर कोड को स्कैन करके सेवाओं का भुगतान और दुकानों पर डिजिटल ढंग से भुगतान करने जैसी कई सुविधाएं देगा। इसके अलावा और क्या है इसमें ख़ास? जानने के लिए पढ़िए ये लेख...
16. लॉकडाउन में शिक्षक ने पहल कर बच्चों के लिए घरों की दीवारों पर ब्लैक बोर्ड बनवा दिए थे। अब दूसरी पहल में क्या कुछ नया किया है, पढ़िए इस लेख में...
17. सुबह जल्दी उठना हमेशा अच्छा माना जाता है। जल्दी उठने से सेहतमंद रहने में तो मदद मिलती ही है, साथ ही भागादौड़ी नहीं होती, मन प्रसन्न रहता है। इसके अलावा और क्या-क्या फायदे होते हैं। पढ़िए इस लेख में...
18. दिमागी कसरत के साथ-साथ समन्वय में सुधार करना है, तो ये आसान व्यायाम घर पर कर सकते हैं। इसे कैसे करना है, जानने के लिए पढ़िए लेख...
19. पालतू केवल हमारी भावनाएं ही नहीं समझते, बल्कि हमारा तनाव भी दूर करते हैं। और क्या-क्या फायदे हैं पालतू घर लाने के, इस लेख में पढ़िए...
20. होंठों के आस-पास की त्वचा में कालापन है, तो इसे घरेलू उपाय की मदद से कैसे ठीक करना है, जानें इस लेख में ...
21. अगर आप भी फटी एड़ियों और रूखे हाथों की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो पढ़िए ये उपाय...
22. जब दो अलग-अलग मिजाज और विचार एक-दूसरे से अलग होते हैं, तो विचारों में मतभेद, आपसी टकराव, पसंद-नापसंद का बेमेल होना रोज़-ब-रोज़ उजागर होने लगता है। इस कारण रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है। ऐसे में रिश्ते के बीच तालमेल बैठाने के लिए पढ़ें ये लेख...
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