भारत की हार का एनालिसिस:बुमराह-चहल का मैजिक नहीं चला, लगातार चौथे वनडे में बॉलर्स फेल; ऑस्ट्रेलिया ने हर डिपार्टमेंट में मात दी
ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में खेले गए पहले वनडे में भारत को 66 रन से हराया। एरॉन फिंच और स्टीव स्मिथ के शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने अब तक का सबसे बड़ा टोटल (374 रन) बनाया। मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। ये लगातार चौथी बार है, जब भारतीय टीम पावर-प्ले में विकेट नहीं ले सकी।
तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवर में 73 रन दिए। जबकि भारत के मुख्य स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 10 ओवर में रिकॉर्ड 89 रन लुटाए। ऑस्ट्रेलिया ने लगभग हर डिपार्टमेंट में टीम इंडिया को मात दी।
लगातार चौथे मैच में फेल रहे टीम इंडिया के बॉलर
IPL 2020 के सेकंड हाईएस्ट विकेट टेकर जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन मैच में निराशाजनक रहा। पिछले साल लोवर बैक की इंज्युरी से उबरने के बाद वनडे मैचों में वे कुछ खास नहीं कर पाए हैं। उन्होंने 2020 में अब तक 7 वनडे खेले हैं, जिसमें 180.00 की औसत से 2 विकेट लिए हैं। जबकि, 2019 में उन्होंने 14 वनडे मैच में 24.60 की औसत से 25 विकेट लिए थे। वहीं, 2018 में 13 वनडे मैच में 16.64 की औसत से 22 विकेट लिए थे।
बुमराह से उम्मीद थी कि वे पावर-प्ले में टीम इंडिया को विकेट दिलाएंगे। लेकिन वे ऐसा करने में नाकाम रहे। लगातार चौथे मैच में भारतीय टीम पावर-प्ले में विपक्षी टीम के एक भी बल्लेबाज को आउट नहीं कर सकी। इससे पहले जनवरी-फरवरी में न्यूजीलैंड टूर पर भी भारतीय गेंदबाज पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। यही वजह रही की मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हाईएस्ट टोटल खड़ा किया।
एरॉन फिंच और डेविड वॉर्नर का भारत के खिलाफ शानदार फॉर्म जारी
फिंच और वॉर्नर ने इस मैच में पहले विकेट के लिए 156 रन की पार्टनरशिप की। इसकी बदौलत आने वाले बल्लेबाजों को रन बनाने में मुश्किल नहीं हुई और ऑस्ट्रेलिया ने इतना बड़ा टारगेट दिया। इन दोनों ने वनडे में पहले विकेट के लिए अब तक कुल 69 पारियों में 51.41 की औसत से 3,496 रन बनाए हैं। इसका एक-तिहाई रन उन्होंने भारत के खिलाफ स्कोर किया है। भारत के खिलाफ इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 95.66 की औसत से 1,148 रन बनाए हैं।
इन दोनों ने वनडे में अब तक कुल 11 बार शतकीय साझेदारी की है। जिसमें से 4 बार (187, 231, 258 नॉट आउट और 156) भारत के खिलाफ की है। भारत के खिलाफ दोनों का ही रिकॉर्ड शानदार है। फिंच ने भारत के खिलाफ 30 वनडे मैच में 47.32 की औसत से 1,325 रन बनाए हैं। जबकि, वॉर्नर ने 20 वनडे मैच में 50.38 की औसत से 947 रन बनाए हैं।
पहले वनडे में एक बार फिर इन दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर परीक्षा ली। वॉर्नर ने जहां 76 बॉल पर 69 रन बनाए। वहीं, फिंच ने 124 बॉल पर 114 रन बनाए। भारत के पास फिलहाल इन दोनों का कोई तोड़ नहीं है।
भारतीय बल्लेबाजों में शॉर्ट बॉल का खौफ जारी
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजों को शॉर्ट बॉल से खूब परेशान किया। नतीजा ये रहा कि वे 3 विकेट लेकर टीम इंडिया के 375 रन के टारगेट का पीछा करने के सपने पर पानी फेर दिया। उन्होंने शॉर्ट पिच डिलीवरी पर मयंक अग्रवाल, कप्तान विराट कोहली और श्रेयस अय्यर का विकेट लिया।
संजय मांजरेकर ने भी मैच के दौरान एनालिसिस में कहा कि पिच में टेनिस बॉल जैसा बाउंस था। मयंक और कोहली ने जितनी ऊंचाई पर बॉल एक्सपैक्ट किया था, बॉल उससे ज्यादा ऊंचाई पर आई। हेजलवुड के शॉर्ट पिच गेंद पर मयंक का टॉप एज लगा और ग्लेन मैक्सवेल ने उनका कैच पकड़ा।
वहीं, कोहली ने हेजलवुड के शॉर्ट पिच बॉल को पुल करना चाहा। बॉल को शॉर्ट मिड विकेट पर खड़े एरॉन फिंच ने कैच किया। श्रेयस अय्यर शॉर्ट पिच गेंद को खेल ही नहीं पाए और उन्होंने विकेटकीपर को आसान सा कैच दिया।
भारत का मेन स्पिनर हुआ फेल
युजवेंद्र चहल ने अपने 10 ओवर के कोटे में 89 रन दिए और एक विकेट लिया। वे एक मैच में सबसे ज्यादा रन लुटाने वाले भारतीय स्पिनर बने। इससे पहले भी ये रिकॉर्ड उनके ही नाम था। भारतीय स्पिन की अहम कड़ी मानी जाने वाली स्पिन बॉलिंग का दारोमदार इस मैच में चहल पर ही था, लेकिन उन्होंने निराश किया।
इस मैच से पहले भी वे ऑस्ट्रेलिया में एक मैच खेल चुके हैं। जिसमें उन्होंने 42 रन देकर 6 विकेट लिए थे। वे अपने उस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे। चहल ने 2020 में 3 मैच खेले हैं, जिसमें करीब 18 की औसत से 7 विकेट लिए हैं। जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वे कुल 8 मैच खेल चुके हैं और 15 विकेट लिए हैं।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ नाकाम रहे भारतीय गेंदबाज
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने मोहम्मद शमी को छोड़कर भारत के सभी गेंदबाज की जमकर धुनाई की। भारत के 4 गेंदबाज, नवदीप सैनी, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल ने अपने 10 ओवर के स्पेल में 60 से ज्यादा रन दिए।
यह वनडे में दूसरी बार है कि भारत के 4 गेंदबाजों ने अपने कोटे के सभी ओवर फेंकने के बाद 60 या उससे ज्यादा रन दिए हैं। इससे पहले 2018 में गुवाहाटी में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के चार गेंदबाजों ने अपने कोटे के 10-10 ओवरों में 60 से ज्यादा रन दिए थे।
युजवेंद्र चहल ने 10 ओवरों में 89 रन देकर सिर्फ एक विकेट लिया। जबकि जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवरों में 73 रन देकर एक विकेट हासिल किया। नवदीप सैनी ने भी अपने 10 ओवर्स में 8.3 की इकोनॉमी से 83 रन लुटाए और सिर्फ एक विकेट लिया। जडेजा ने 10 ओवर में 63 रन दिए और उन्हें कोई भी विकेट नहीं मिला।
भारत को 6वें बॉलर की कमी खली
मैच में भारत के पांचों गेंदबाजों की जमकर पिटाई हुई। साथ ही टीम को 6वें बॉलर की कमी भी खली। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हमेशा पार्ट टाइम बॉलर्स को टीम में ज्यादा तरजीह देते थे। वे कभी केदार जाधव, तो कभी अंबाती रायडू से गेंदबाजी कराते थे।
मौजूदा प्लेइंग इलेवन में 5 मेन बॉलर्स के अलावा हार्दिक पंड्या ही ऐसे खिलाड़ी थे, जो गेंदबाजी कर सकते थे। हालांकि चोट के कारण वे पिछले कुछ समय से गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं। IPL में भी उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी। पहला वन-डे हारने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम में 6वें बॉलर की कमी होने की बात कही।
कोहली ने कहा कि दुर्भाग्य से हार्दिक पंड्या अभी बॉलिंग करने के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं और हमारे पास मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल जैसा कोई दूसरा ऑलराउंड ऑप्शन नहीं है। ऐसे में भारतीय टीम को आगे के मैचों में 6वें बॉलिंग ऑप्शन की तलाश करनी ही होगी।
पंड्या को पांडे पर दी गई तरजीह
पहले वनडे में भारत के नजरिये से जो एकमात्र अच्छी चीज रही, वो है शिखर धवन और हार्दिक पंड्या का फॉर्म। पंड्या ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से साबित किया कि क्यों उन्हें कप्तान कोहली ने मनीष पांडे पर तरजीह दी। धवन और पंड्या ने IPL के अपने फॉर्म को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी जारी रखा। धवन ने 86 बॉल पर 74 रन बनाए। जबकि पंड्या ने 76 बॉल पर 90 रन की पारी खेली।
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